शेयर बाजार आज: सेंसेक्स और निफ्टी में मिला-जुला रुख:
मंगलवार, 28 जनवरी को शेयर बाजार हरे निशान में खुला।
- सेंसेक्स: 306 अंक ऊपर, 75,672.66 पर (+0.41%)।
- निफ्टी50: 54.60 अंक नीचे, 22,883.75 पर (-0.24%)।
निफ्टी50 पर:
- 24 शेयर बढ़त में
- 26 शेयर गिरावट में
टॉप गेनर्स: श्रीराम फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस।
कायन्स टेक्नोलॉजी: दिसंबर तिमाही के नतीजों के बाद इसके शेयर 19% गिरकर ₹4,256.65 पर पहुंच गए। कंपनी ने FY25 के राजस्व अनुमान को ₹3,000 करोड़ से घटाकर ₹2,800 करोड़ किया, जिससे निवेशकों को झटका लगा। हालांकि राजस्व में 30% की वृद्धि और शुद्ध लाभ में 47% की बढ़ोतरी दर्ज हुई, ये आंकड़े विश्लेषकों की उम्मीद से कम थे।
प्रताप स्नैक्स: तीसरी तिमाही में ₹38 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज करने के कारण इसके शेयर 6% गिरकर ₹952.25 पर आ गए। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी ने ₹10.8 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया था।
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व्यापक बाजार:
- बीएसई मिडकैप इंडेक्स: 1.44% की गिरावट के साथ 40,971.73 पर।
- बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स: 3.06% गिरकर 46,868 पर।
निष्कर्ष:
आज के बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी ने अलग-अलग रुझान दिखाए। सेंसेक्स में आईटी और बैंकिंग शेयरों की मजबूती से बढ़त दर्ज की गई, जबकि निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ।
- सेंसेक्स ने 306 अंकों की बढ़त के साथ सकारात्मक संकेत दिए, लेकिन निफ्टी50 में 54.60 अंकों की गिरावट ने बाजार में सतर्कता का माहौल बनाया।
- टॉप गेनर्स में श्रीराम फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज जैसे टॉप लूजर्स ने दबाव बढ़ाया।
कंपनियों पर असर
- कायन्स टेक्नोलॉजी के शेयर राजस्व अनुमान घटने और अपेक्षाओं से कमजोर नतीजों के चलते 19% गिर गए।
- प्रताप स्नैक्स ने तीसरी तिमाही में घाटा दर्ज किया, जिससे इसके शेयरों में 6% की गिरावट आई।
व्यापक बाजार का कमजोर प्रदर्शन
- बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 1.44% और 3.06% की गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई।
समग्र दृष्टिकोण
मंगलवार को बाजार में आईटी और बैंकिंग शेयरों की मजबूती के बावजूद मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट के कारण कमजोरी देखी गई। कायन्स टेक्नोलॉजी और प्रताप स्नैक्स जैसी कंपनियों के कमजोर नतीजों ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया। बाजार में सतर्कता का माहौल बना हुआ है, और निवेशकों को अगले तिमाही के नतीजों और आर्थिक संकेतकों पर नजर रखनी होगी।