FY25 में मारुति और प्रतिस्पर्धियों के लिए मुश्किलें:
मारुति और उसके प्रतिस्पर्धियों के लिए FY25 का साल खराब उपभोक्ता भावना के कारण मुश्किलों भरा रहा है, जिससे कारों की बिक्री कम हो गई है। हुंडई इंडिया ने तीसरी तिमाही में कम आय दर्ज की है, जबकि टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अभी तक अपने नतीजे नहीं घोषित किए हैं।
त्योहारी सीजन में कार बिक्री में उम्मीद से कम बढ़ोतरी:
वाहन निर्माता अक्टूबर में मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान। हालांकि, ओणम और गणेश चतुर्थी के समय कारों की बिक्री अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही। खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए कंपनियां प्रोत्साहन और भारी छूट दे रही हैं, क्योंकि कई खरीदार अभी भी खरीदारी के समय के बारे में असमंजस में हैं।
इस त्योहारी सीजन में कार बिक्री केवल 7% बढ़ी, और इसका श्रेय “अभूतपूर्व छूट” को दिया गया, जैसा कि FADA ने कहा।
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मारुति को सुस्त मांग के बावजूद मुनाफा में बढ़ोतरी:
मारुति को सुस्त मांग का सामना करना पड़ रहा है, खासकर छोटी कार सेगमेंट में, जहां 3.7% की गिरावट आई है। कंपनी ने खरीदारों को आकर्षित करने के लिए अपनी कारों पर छूट बढ़ा दी, खासकर ऑल्टो, वैगनआर और स्विफ्ट जैसे मॉडलों पर। इसके अलावा, घरेलू यात्री कारों की बिक्री में तिमाही के दौरान 8.1% की गिरावट आई, जो दर्शाता है कि उपभोक्ता एसयूवी की तरफ ज्यादा रुझान दिखा रहे हैं।
हालांकि, इस चुनौतीपूर्ण बाजार के बावजूद, मारुति का स्टैंडअलोन मुनाफा 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में 12.6% बढ़कर 3,525 करोड़ रुपये हो गया।
मारुति ने बढ़ाई कीमतें, डैमेज कंट्रोल की कोशिश:
मारुति सुजुकी ने भारी छूट के असर को कम करने के लिए, अगले महीने से कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। 1 फरवरी, 2025 से लागू होने वाली इस बढ़ोतरी में 1,500 रुपये से लेकर 32,500 रुपये तक की कीमतों में वृद्धि होगी, जो अलग-अलग मॉडलों पर निर्भर करेगी।
यह फैसला बढ़ती इनपुट और परिचालन लागत के कारण लिया गया है, और कंपनी का कहना है कि उसके पास इस स्थिति से निपटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।
निष्कर्ष:
FY25 मारुति और उसके प्रतिस्पर्धियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण साल रहा है, जिसका मुख्य कारण खराब उपभोक्ता भावना और कम बिक्री था। इसके बावजूद, कंपनी ने अपने मुनाफे में बढ़ोतरी दर्ज की, खासकर छोटी कार सेगमेंट में भारी छूट देने के बाद।
त्योहारी सीजन में भी कार बिक्री में केवल 7% बढ़ोतरी देखने को मिली, जो कि अभूतपूर्व छूट और प्रोत्साहन के कारण संभव हुआ।
हालांकि, मारुति सुजुकी ने अपने कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है, जो बढ़ती इनपुट और परिचालन लागत के कारण आवश्यक थी। इस मूल्य वृद्धि का उद्देश्य डैमेज कंट्रोल करना है, ताकि कंपनी अपनी लागतों को कवर कर सके और भविष्य में स्थिरता बनाए रख सके।
इन सभी चुनौतियों के बावजूद, मारुति का मुनाफा बढ़ा और यह दर्शाता है कि कंपनी विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी स्थिति मजबूत रखने में सक्षम है, लेकिन खरीदारों की बदलती प्राथमिकताओं और बाजार की अनिश्चितता के बीच, अगला साल भी उसके लिए आसान नहीं होगा।