HMPV VIRUS: भारत में वर्त्तमान CASE,क्या लक्षण हे और कैसे बचा करे|
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक प्रकार का वायरस है जो मानव शरीर में सांस लेने संबंधी समस्याएं पैदा करता है। यह वायरस पहली बार 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था।यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों में पाया जाता है, खासकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में। यह वायरस सांस लेने संबंधी समस्याएं पैदा करता है, जैसे कि खांसी, जुकाम, और सांस लेने में परेशानी।यह वायरस आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस) के बाद दूसरा सबसे आम कारण है जो बच्चों में सांस लेने संबंधी समस्याएं पैदा करता है।
भारत में एचएमपीवी वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में दो मामले सामने आए हैं, जिनमें 7 और 14 साल की उम्र के बच्चे शामिल हैं। दोनों बच्चों का इलाज एक निजी अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में किया गया था। यह वायरस चीन से आया है और पहले से ही कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल और गुजरात में इसके मामले सामने आ चुके हैं।
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HMPV VIRUS CASES IN INDIA:
भारत में एचएमपीवी वायरस के मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्कता बढ़ाने की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा है कि चीन में इस वायरस के प्रसार के मद्देनजर श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी बढ़ाव की पहचान करने के लिए सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने की जरूरत है।
हेल्थ मिनिस्टर ने क्या कहा?
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कहा है कि एचएमपीवी वायरस भारत सहित विश्व स्तर पर पहले से ही प्रचलन में है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को गंभीर तीव्र श्वसन बीमारियों (एसएआरआई) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लिए निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है।
पहला केस कब बना था?
भारत में एचएमपीवी वायरस का पहला Case सोमवार को दर्ज किया गया था, जब कर्नाटक, तमिल और गुजरात में पांच बच्चों का सकारात्मक परिक्षण केस हुआ था।
CURRENT NEWS:
7 JANUARY 2025 TIME=22:32
हरियाणा में एचएमपीवी वायरस के मामलों की अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने सिविल सर्जनों को सलाह जारी की है कि वे श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहें । उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार है।
राव ने सभी सिविल सर्जनों को इन्फ्लूएंजा, एचएमपीवी, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) और अन्य श्वसन रोगों के इलाज के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा द्वारा सिविल सर्जनों को एक सलाह जारी की गई है, जिसमें उनसे एचएमपीवी समेत इन बीमारियों को लेकर
अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने और तैयारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
8 JANUARY 2025 TIME:11:11
नागपुर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो संदिग्ध CASES सामने आए हैं। ये मामले 7 और 13 साल के दो बच्चों के हैं, जिनके रक्त के नमूने परीक्षण के लिए एम्स दिल्ली और एम्स पुणे के वायरोलॉजी विभागों में भेजे गए हैं। ये मामले संदिग्ध हैं और अभी तक इनकी पुष्टि नहीं हुई है।
एचएमपीवी से बचने के लिए कुछ आसान उपाय हैं:
– स्वच्छता बनाए रखें: अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं और बार-बार छुई जाने वाली सतहों को कीटाणुरहित करें।
– सामाजिक दूरी बनाए रखें: बीमार होने पर घर पर रहें और दूसरों के साथ निकट संपर्क से बचें।
– स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: उचित पोषण, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें।
– टीकाकरण कराएं: इन्फ्लूएंजा और न्यूमोकोकल रोग जैसे अन्य अनुशंसित टीकाकरणों के साथ अद्यतित रहें।
उद्देश्य
एचएमपीवी एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है जो श्वसन बूंदों, निकट संपर्क या दूषित सतहों के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षण आमतौर पर हल्के और स्व-सीमित होते हैं, जो लगभग 2-5 दिनों तक चलते हैं। हालांकि, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों, बुजुर्गों और हृदय या फुफ्फुसीय रोगों वाले लोगों को जटिलताओं का अधिक खतरा होता है।