दुखांच वाली खबर : तीसरी तिमाही में निराशा, मोनोपोली स्टॉक 10% गिरा|(Disappointment In Third Quarter,Monopoly stocks fall 10% )

भारत की सबसे बड़ी प्रतिभूति डिपॉजिटरी का FY25 तीसरी तिमाही प्रदर्शन:

भारत की सबसे बड़ी प्रतिभूति डिपॉजिटरी, जो निवेशकों की प्रतिभूतियों को सुरक्षित रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए जानी जाती है, ने FY25 की तीसरी तिमाही में मिश्रित प्रदर्शन दिखाया।

  • साल-दर-साल: कंपनी ने लगभग 30% की राजस्व वृद्धि हासिल की, जो मजबूत विकास को दर्शाता है।
  • तिमाही-दर-तिमाही: चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के कारण राजस्व और लाभ मार्जिन में गिरावट दर्ज की गई।

कंपनी को सालाना आधार पर मजबूत प्रदर्शन करने के बावजूद, तिमाही में कुछ आर्थिक और संचालन संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

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शेयर मूल्य में गिरावट:

सीडीएसएल लिमिटेड के शेयरों में सोमवार को बड़ी गिरावट देखी गई। शेयर का मूल्य 9.45% गिरकर ₹1,358.35 पर आ गया, जो पहले ₹1,500.25 था।

इस गिरावट के बाद कंपनी का बाजार मूल्य अब करीब ₹28,744 करोड़ (27 जनवरी 2025 तक) रह गया है।

बिजनेस हाइलाइट्स:

सीडीएसएल 31 दिसंबर, 2024 तक 14.65 करोड़ से ज्यादा डीमैट खाते पंजीकृत करने वाली पहली डिपॉजिटरी बन गई।
FY25 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने लगभग 92 लाख नए डीमैट खाते खोले।

Q3 वित्तीय प्रदर्शन:

  • राजस्व: FY25 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने ₹278 करोड़ का राजस्व दर्ज किया।
    • तिमाही-दर-तिमाही (QoQ): पिछले तिमाही ₹322 करोड़ से 13.66% कम।
    • साल-दर-साल (YoY): पिछले साल Q3 FY24 में ₹214 करोड़ से 29.91% ज्यादा।
  • मुनाफा:
    • ₹130 करोड़ का मुनाफा हुआ।
    • तिमाही-दर-तिमाही: पिछले तिमाही ₹162 करोड़ से 19.75% कम।
    • साल-दर-साल: पिछले साल ₹107 करोड़ से 21.50% ज्यादा।
  • ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (OPM):
    • सालाना आधार पर 61% से घटकर 58%।
  • लंबी अवधि का प्रदर्शन:
    • टीटीएम (Trailing Twelve Months) में बिक्री 58% बढ़ी।
    • मुनाफा 57% बढ़ा।
    • स्टॉक ने पिछले 5 सालों में 70% का CAGR दिया।

प्रतियोगी:

सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड) का भारत में केवल एक ही प्रतिस्पर्धी है – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)
दोनों कंपनियां निवेशकों को प्रतिभूतियों को संभालने और निपटान सेवाएं प्रदान करती हैं।
सीडीएसएल का P/E (प्राइस-टू-अर्निंग) रेशियो 56.85 है।

बाजार दृष्टिकोण:

भारत के डिपॉजिटरी उद्योग में तेज़ी से विकास हो रहा है।

  • डीमैट खातों की वृद्धि: FY23 से FY24 तक 32% की वृद्धि, कुल 15.14 करोड़ डीमैट खाते।
  • सीडीएसएल की बाजार हिस्सेदारी: 76% हिस्सेदारी के साथ यह बाजार में प्रमुख खिलाड़ी है।

डीमैट खाता वृद्धि के कारण:

  • सरल प्रक्रियाएं और डिजिटल नवाचार: निवेशकों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।
  • वित्तीय समावेशन: अधिक से अधिक लोग निवेश से जुड़ रहे हैं।

सीडीएसएल का मजबूत बुनियादी ढांचा और उच्च सुरक्षा मानक इसे उद्योग में लीडर बनाते हैं। इसके पास ₹64 लाख करोड़ की संपत्ति (मार्च 2024 तक) दर्ज है, जो इसकी ताकत को दर्शाता है।

निष्कर्ष:

भारत की सबसे बड़ी प्रतिभूति डिपॉजिटरी, सीडीएसएल, ने FY25 की तीसरी तिमाही में मिश्रित प्रदर्शन दिखाया। जबकि कंपनी ने साल दर साल मजबूत वृद्धि दर्ज की और 30% राजस्व वृद्धि हासिल की, तिमाही दर तिमाही राजस्व और लाभ मार्जिन में गिरावट आई, जो कुछ आर्थिक और संचालन संबंधी चुनौतियों को दर्शाता है।

इसके बावजूद, कंपनी का व्यापार मॉडल मजबूत बना हुआ है, और इसका प्रमुख स्थान भारतीय डिपॉजिटरी उद्योग में कायम है। सीडीएसएल ने डीमैट खातों में उछाल और डिजिटल नवाचारों के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित किया है। कंपनी का मजबूत बुनियादी ढांचा, सुरक्षा प्रथाएं और बढ़ती बाजार हिस्सेदारी इसे उद्योग में लीडर बनाए रखती हैं। हालांकि शेयर मूल्य में गिरावट आई, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण में सीडीएसएल के पास स्थिर वृद्धि की संभावना है।

कुल मिलाकर, सीडीएसएल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया है और भविष्य में और अधिक विस्तार के संकेत दे रही है।

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