इनफ़ोसिस के नारायण मूर्ति ने लिय कुछ फैसला और कर्मचारीओ के लिये बुरी खबर|(BY TAKING NARAYAN MURTI DECISION,THERE IS BAD NEWS FOR WORKERS)

इनफ़ोसिस के कर्मचारीओ के लिए बुरी खबर|

इंफोसिस ने इस साल वेतन बढ़ोती को स्थगित करने का फैसला किया है। यह फैसला कंपनी की साल की शुरुआत में वेतन बढ़ोती लागु करने की परंपरा को तोड़ता है। इंफोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी जयेश संघराजका ने पहले कहा था कि कंपनी चरणबद्ध तरीके से चौथी तिमाही में वेतन वृद्धि की योजना बना रही है।

इस फैसले के पीछे के कारणों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह कदम इंफोसिस के सह-संस्थापक एन. नारायण मूर्ति के हाल के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि लोगों को सप्ताह में 70 घंटे तक काम करना चाहिए।

इंफोसिस ने वेतन बढ़ोती में देरी क्यों की?

इंफोसिस ने वेतन वृद्धि में देरी करने का फैसला किया है, जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और आईटी क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों को दिखाता है। भारत में आईटी कंपनियों को गैर-आवश्यक सेवाओं पर ग्राहकों के खर्च में कमी की आशंका है, जिससे लागत-नियंत्रण उपाय किए जा रहे हैं।

कंपनी ने आखिरी बार वेतन नवंबर 2023 में बढ़ाया था, लेकिन लाभप्रदता को लेकर चिंताओं के कारण इसमें देरी हुई। इंफोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी जयेश संघराजका ने पहले कहा था कि कंपनी चरणबद्ध तरीके से चौथी तिमाही में वेतन वृद्धि की योजना बना रही है, लेकिन अब यह देरी हुई है ²।

यह देरी इंफोसिस के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है, खासकर जब वे वेतन वृद्धि की उम्मीद कर रहे हों। हालांकि, कंपनी के लिए यह फैसला आर्थिक अनिश्चितता के समय में लागत-नियंत्रण उपायों का एक हिस्सा हो सकता है।

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कार्य संस्कृति को लेकर नारायण मूर्ति ने करि बहस|

नारायण मूर्ति की कार्य संस्कृति के बारे में विचार अक्सर विवादास्पद होते हैं। वह सख्त कार्य संस्कृति के समर्थक हैं और अक्सर अपने विचारों के लिए आलोचना का शिकार भी होते हैं। हाल ही में, उन्होंने कहा था कि वह कार्य-जीवन संतुलन में विश्वास नहीं रखते हैं, जिस पर सोशल मीडिया पर बहस हो गई थी और उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

इंफोसिस के वेतन बढ़ोती में देरी के फैसले ने भी इस बहस को और हवा दी है। कंपनी ने आखिरी बार वेतन नवंबर 2023 में बढ़ाया था, लेकिन लाभप्रदता को लेकर चिंताओं के कारण इसमें देरी हुई है। यह देरी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच आईटी क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों को दर्शाती है।

आईटी क्षेत्र में संकट दिख रहा है|

आईटी क्षेत्र में संकट बढ़ता जा रहा है। इंफोसिस अकेली आईटी कंपनी नहीं है जिसने वेतन बढ़ोतरी टाली है। अन्य प्रमुख आईटी कंपनियां जैसे कि एचसीएल टेक, एलटीआई माइंडट्री, और एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज ने भी चुनौतीपूर्ण कारोबारी माहौल के बीच लाभप्रदता बनाए रखने के लिए बढ़ोतरी में देरी की है।

यह देरी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और आईटी क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों को दर्शाती है। कंपनियां लागत-नियंत्रण उपायों को अपना रही हैं और वेतन बढ़ोतरी को टालने का फैसला कर रही हैं। यह आईटी क्षेत्र में संकट की गंभीरता को दर्शाता है।

उद्देश्य :

आईटी क्षेत्र में वेतन वृद्धि में देरी के फैसले से पता चलता है कि क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियाँ हैं। कंपनियों को कर्मचारियों को संतुष्ट रखने और मुनाफा बनाए रखने के बीच संतुलन बनाना होता है।

वेतन वृद्धि में देरी से नौकरी छोड़ने की दर बढ़ सकती है, जबकि उन्हें लागू करने से लाभप्रदता को नुकसान हो सकता है। आईटी क्षेत्र कठिन समय का सामना कर रहा है, और इस तरह के निर्णय बदलती आर्थिक वास्तविकताओं के अनुकूल क्षेत्र की आवश्यकता को दर्शाते हैं।

इसलिए, कंपनियों को अपने कर्मचारियों और व्यवसाय की जरूरतों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।

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