अदाणी समूह अदाणी विल्मर की हिस्सेदारी बेचकर लगभग 7,148 करोड़ रुपये जुटाएगा।
अदाणी समूह अदाणी विल्मर की हिस्सेदारी बेचकर लगभग 7,148 करोड़ रुपये जुटाएगा। इस बिक्री में अदाणी विल्मर की 13.50% हिस्सेदारी बेची जाएगी। इसके अलावा, अतिरिक्त 8.44 करोड़ शेयर या 6.50% इक्विटी बेचने का विकल्प भी शामिल किया गया है।
अडानी समूह अपनी रणनीति के तहत गैर-प्रमुख गतिविधियों से बाहर निकल रहा है, जिससे वह बुनियादी ढांचे के कारोबार पर ध्यान केंद्रित कर सके। इसके तहत, अडानी समूह अडानी विल्मर में अपनी 20% हिस्सेदारी बेचेगा और लगभग 7,148 करोड़ रुपये जुटाएगा।
अदानी समूह ने अदानी विल्मर से बाहर निकलने की घोषणा की थी। इसके तहत, समूह 10 जनवरी को गैर-खुदरा निवेशकों को 17.54 करोड़ शेयर (13.50% इक्विटी) बेचेगा। इसके अलावा, 13 जनवरी को खुदरा निवेशकों के लिए भी शेयर बेचे जाएंगे, जिनकी न्यूनतम कीमत 275 रुपये प्रति शेयर होगी।
अदानी समूह ने अदानी विल्मर से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत, समूह ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से 17.54 करोड़ शेयर बेचेगा। इसके अलावा, अतिरिक्त 8.44 करोड़ शेयर या 6.50% इक्विटी बेचने का विकल्प भी होगा।
यह अदानी समूह के अदानी विल्मर से बाहर निकलने का पहला चरण है। दूसरे चरण में, सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड अदानी विल्मर में शेष हिस्सेदारी हासिल करेगी।
अदानी कमोडिटीज एलएलपी द्वारा अदानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय एक रणनीतिक कदम है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ाना और नियामक मानदंडों को पूरा करना है।
अदानी विल्मर की प्रमोटर इकाई अदानी कमोडिटीज 10 और 13 जनवरी को ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से कंपनी में 20% तक हिस्सेदारी बेचेगी। ओएफएस की न्यूनतमकीमत 275 रुपये प्रति शेयर तय की गए हैं ।
इस बिक्री के पीछे का मकसद अदानी एंटरप्राइजेज को अपनी तरल संपत्ति में सुधार लाना हैं, जिससे वह अतिरिक्त ऋण प्राप्त का र सके। अदानी विल्मर के शेयरों में इस खबर के बाद 9% की गिरावट आई है ।
अदानी विल्मर के शेयर गुरुवार को बीएसई पर कारोबारी सत्र के अंत में 324 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। यह पिछले एक साल में 13% की LOSS में
है। इसका मतलब है कि अदानी विल्मर के शेयरों की कीमत पिछले एक साल में कम हुई है।
अदानी विल्मर की प्रमोटर इकाई अदानी कमोडिटीज एलएलपी ने एक ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) की घोषणा की है, जिसमें कंपनी की 13.50% हिस्सेदारी बेची जाएगी।
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ओएफएस की मुख्य बातें इस प्रकार दिखती हैं:
- बेस ऑफर: 17.54 करोड़ शेयर या अदानी विल्मर की 13.50% हिस्सेदारी।
- ग्रीन शू विकल्प: अतिरिक्त 8.45 करोड़ शेयर (भुगतान इक्विटी का 6.50%) बेचने के विकल्प के साथ।
- न्यूनतम आरक्षण: ओएफएस का न्यूनतम 25% म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों के लिए आरक्षित किया गया है।
- ब्रोकर: एंटीक ब्रोकिंग, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जेफरीज, नुवामा वेल्थ और एसबीआईकैप सिक्योरिटीज ऑफर फॉर सेल के ब्रोकर हैं।
अदानी विल्मर के शेयरों की बिक्री शुक्रवार, 10 जनवरी को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए और सोमवार, 13 जनवरी को खुदरा निवेशकों के लिए शुरू होगी।
अदानी समूह की प्रमुख इकाई, अदानी एंटरप्राइजेज ने अदानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला जारी किया है। इसके तहत, कंपनी 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी, जबकि विल्मर इंटरनेशनल शेष 31 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेगी।
कंपनी ने तीसरी तिमाही (Q3FY25) में अपने राजस्व में 33% की बढ़ोती दर्ज की है। यह बढ़ोती कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद हासिल की गई है, जिसके कारण कंपनी ने महत्वपूर्ण मूल्य बढ़ोती की है।
कंपनी के राजस्व में सालाना आधार पर 33% की बढ़ोती हुई है, जबकि शुद्ध लाभ में 6% की वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि कंपनी अपने व्यवसाय में वृद्धि हासिल कर रही है
तीसरी तिमाही में, खाद्य तेल की मांग पर असर पड़ा। इसका मुख्य कारण सितंबर के मध्य में सीमा शुल्क वृद्धि के बाद कच्चे माल की कीमतों में तेज वृद्धि थी। इससे खाद्य तेल की कीमतें बढ़ गईं और मांग पर असर भी पड़ा।
CONCLUSION:
हालांकि, इस बिक्री में दी गई भारी छूट के कारण अदानी विल्मर के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट आई है। निवेशक अब इस विकास के बाद बाजार की प्रतिक्रिया और कंपनी के विकास पर इसके संभावित प्रभाव को देख रहे हैं।