मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर घटाई :
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिति की गहराई से समीक्षा करने के बाद फैसला लिया है कि नीति दर (रेपो रेट) को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया जाएगा।
🔹 ब्याज दर में 0.25% की कटौती – इसे 25 आधार अंक कहा जाता है, क्योंकि 1 आधार अंक = 0.01% होता है।
🔹 स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर अब 6% होगी।
इसका असर यह होगा कि बैंक भी अपने ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं, जिससे लोन और ईएमआई में राहत मिल सकती है।आरबीआई ने लगभग 5 साल बाद ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि रेपो दर 6.5% से घटकर 6.25% हो गई है। यह लगभग पांच सालों के अंतराल के बाद ब्याज दर में कटौती है। इस कटौती से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।आरबीआई के इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि बैंक महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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आरबीआई ने लगभग 5 साल बाद ब्याज दरों में कटौती की!
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि रेपो दर 6.5% से घटकर 6.25% हो गई है। यह लगभग पांच सालों के अंतराल के बाद ब्याज दर में कटौती है। इस कटौती से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- रेपो दर 6.5% से घटकर 6.25% हो गई है।
- यह लगभग पांच सालों के अंतराल के बाद ब्याज दर में कटौती है।
- इस कटौती से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- लोन लेने वालों को राहत मिलेगी, क्योंकि होम लोन, कार लोन और अन्य लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं।
- बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ेगा, जिससे व्यापार और निवेश में सुधार हो सकता है।
आरबीआई गवर्नर का बयान: लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचे ने अर्थव्यवस्था की अच्छी सेवा की!
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचे ने अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छी सेवा प्रदान की है, खासकर महामारी के दौरान। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था के हितों की रक्षा करने के लिए वित्तीय स्थिरता और उपभोक्ता संरक्षण दोनों को सुनिश्चित करना आवश्यक है।
उनके अनुसार, आरबीआई का मुख्य काम इन दोनों पहलुओं को सुनिश्चित करना है। यह बयान आरबीआई की नीतियों और अर्थव्यवस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि वित्तीय स्थिरता और ग्राहक सुरक्षा बढ़ाने के लिए नियमों की आवश्यकता है, लेकिन इसके साथ ही कुछ लागतें भी जुड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि हमें दक्षता और विनियमन के बीच सही संतुलन बनाने का प्रयास करना होगा।
गवर्नर ने आगे कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है और यह ऐतिहासिक औसत से नीचे बढ़ रही है। वैश्विक अवस्फीति पर प्रगति गिर रही है, जो सेवाओं की कीमतों के दबाव के कारण बाधित हो रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है, बांड की पैदावार सख्त हुई है और उभरते बाजारों को पूंजी के बड़े बहिर्वाह का सामना करना पड़ा है, जिससे अनिश्चितता बढ़ गई है और अस्थिरता बढ़ गई है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि मुद्रास्फीति में गिरावट आ रही है और 2025-26 में इसके और कम होने की उम्मीद है, जो धीरे-धीरे लक्ष्य (4%) के अनुरूप होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता और प्रतिकूल मौसम की घटनाओं के साथ-साथ वैश्विक व्यापार नीति के बारे में अनिश्चितता विकास के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।
आरबीआई ने रीपो रेट में 0.25% की कटौती की है, जिससे यह 6.5% से घटकर 6.25% हो गया है। यह लगभग पांच साल बाद रेपो दर में कटौती है। इसके साथ ही, आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी रुख को ‘न्यूट्रल’ पर बरकरार रखा है ¹।
आरबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7% रहने का अनुमान है। इसके साथ ही, रिटेल महंगाई दर 2025-26 में 4.2% पर आने का अनुमान है।
आरबीआई ने यह भी कहा है कि वैश्विक आर्थिक आउटलुक चुनौतीपूर्ण है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और जुझारू बनी हुई है।
निष्कर्ष:
आरबीआई ने लगभग 5 साल बाद ब्याज दरों में कटौती की है! आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि रेपो दर 6.5% से घटकर 6.25% हो गई है। यह लगभग पांच सालों के अंतराल के बाद ब्याज दर में कटौती है। इस कटौती से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इस कटौती के कारण लोन लेने वालों को राहत मिलेगी, क्योंकि होम लोन, कार लोन और अन्य लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। इसके अलावा, बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ेगा, जिससे व्यापार और निवेश में सुधार हो सकता है।
आरबीआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7% रहने का अनुमान है। इसके साथ ही, रिटेल महंगाई दर 2025-26 में 4.2% पर आने का अनुमान है। आरबीआई ने यह भी कहा है कि वैश्विक आर्थिक आउटलुक चुनौतीपूर्ण है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और जुझारू बनी हुई है।