अपोलो माइक्रो में 18% वृद्धि के बाद निवेश करना चाहिए?(Is Apollo Micro Worth Your Investment After a 18% Surge?)

अपोलो माइक्रो में 18% वृद्धि के बाद निवेश करना चाहिए|

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में सोमवार, 20 जनवरी को 18.3% की वृद्धि हुई है, जो पिछले तीन हफ्तों में देखी गई तेज रैली को आगे बढ़ाता है। इस तेजी के साथ, शेयर अपने पिछले 14 महीने के उच्चतम स्तर को पार कर गया है और अब एनएसई पर 161.70 रुपये के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर के करीब है।

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों की कीमत में वृद्धि के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप विभिन्न वित्तीय वेबसाइटों और समाचार पत्रों का संदर्भ ले सकते हैं।

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में सोमवार, 20 जनवरी को 18.3% की वृद्धि हुई है, जो तीन सप्ताह की तेज रैली को आगे बढ़ाता है। इस दौरान शेयरों में 64% की बढ़ोतरी हुई है और यह अपने पिछले 14 महीने के उच्चतम स्तर को पार कर गया है। अब यह एनएसई पर 161.70 रुपये के अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स एक रक्षा क्षेत्र की कंपनी है, जो एयरोस्पेस, रक्षा, अंतरिक्ष और होमलैंड सुरक्षा के लिए उच्च प्रदर्शन वाले इलेक्ट्रॉनिक और इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करती है। कंपनी डिजाइन, विनिर्माण और परीक्षण सहित एंड-टू-एंड सेवाएं प्रदान करती है, जो भूमि, नौसेना और वायु संचालन के लिए मिशन-महत्वपूर्ण प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करती है।

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अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में सोमवार, 20 जनवरी को 16.62% की वृद्धि हुई है, जो दोपहर 2:10 बजे तक 153.22 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। यह इसके पिछले बंद भाव 131.38 रुपये से अधिक है।

कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारत डायनेमिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना शामिल हैं।

भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा क्षेत्र के लिए 74.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (6,21,540.85 करोड़ रुपये) आवंटित किए हैं। यह कुल केंद्रीय बजट का लगभग 13.04% है, जैसा कि 1 फरवरी, 2024 को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित किया गया था।

रक्षा क्षेत्र में भारत की योजनाएं:

  • भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा क्षेत्र के लिए 74.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं।
  • यह कुल केंद्रीय बजट का लगभग 13.04% है।
  • अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने अपनी हालिया निवेशक प्रस्तुति में उल्लेख किया है कि भारत में अगले 5-6 वर्षों में 90-100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रक्षा बाजार के अवसर होने की उम्मीद है।
  • वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 30 तक रक्षा उद्योग 13% सालाना की दर से बढ़ने की संभावना है।

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने हाल ही में अपनी यूनिट II विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया है और यूनिट III के लिए 2.5 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। कंपनी की योजना जून 2025 तक यूनिट II और यूनिट III की सभी संपत्तियों में इसका कुल परिचालन स्थान 3.5 लाख वर्ग फुट तक बढ़ाने की है।

कंपनी रक्षा क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक समाधानों की बढ़ती मांग से प्रोत्साहित है और वित्त वर्ष 2028-2029 तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के रक्षा उपकरणों के निर्यात के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य से प्रेरित है।

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की मुख्य बातें:

  • विनिर्माण सुविधा: यूनिट II विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन और यूनिट III के लिए 2.5 एकड़ भूमि का अधिग्रहण।
  • परिचालन स्थान: जून 2025 तक 3.5 लाख वर्ग फुट तक परिचालन स्थान बढ़ाने की योजना।
  • रक्षा क्षेत्र में अवसर: रक्षा क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक समाधानों की बढ़ती मांग से प्रोत्साहित।
  • निर्यात लक्ष्य: वित्त वर्ष 2028-2029 तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के रक्षा उपकरणों के निर्यात का लक्ष्य।

निष्कर्ष:

अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में वृद्धि रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती मांग और कंपनी की मजबूत प्रदर्शन क्षमता के कारण हुई है। यह वृद्धि रक्षा क्षेत्र में भारत की योजनाओं और अपोलो माइक्रो सिस्टम्स की भूमिका को दर्शाती है।


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