इस बार के बजट : 2025 में क्या सुधार ला रही हे वित्तमन्त्री निर्मला सीथारामन|(BUDGET 2025 : BY NIRMALA SITHARAMAN)

बजट 2025 की तैयारी चल रही है, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर सेकेंडरी वर्ग के लिए आयकर दरें कम करने का दबाव बढ़ रहा है. सरकार 15 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए आयकर दरों में कटौती करने पर विचार कर रही है, जिससे मध्यवर्ग को राहत मिलेगी और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा.

इस कदम का उद्देश्य खपत को बढ़ावा देना और मांग को पुनर्जीवित करना है, जो आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कर दरों को कम करने से मुद्रास्फीति से प्रभावित मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है, और उनकी आय में बढती हो सकती है।

BUDGET 2025 : BY NIRMALA SITHARAMAN

सरकार का लक्ष्य बजट 2025 में आर्थिक विकास के साथ राजकोषीय विवेक को मेन्टेन करना है, जो एक बडी चुनौती है। लेकिन अगर आयकर दरों में कटौती की जाती है, तो यह मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकती है।

भारत के मध्यम वर्ग को उच्च करों और बढ़ती कीमतों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की आय में बढती नहीं हो रही है, जिससे वे अपने खर्चों का सामना नहीं कर पा रहे हैं। इससे देश में खरीदारी कम हो रही है, जो आर्थिक विकास के लिए एक बड़ी बुरी बात है।

उच्च करेंसी फी लोगों की खरीदारी की शक्ति को कम कर रही है, जिससे वे कम सामान खरीद पा रहे हैं। इससे देश की आर्थिक बढती पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आर्थिक विशेषज्ञ और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) चेतावनी दे रहे हैं कि अगर करेंसी फी पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह भारत की आर्थिक बढती को कमजोर कर सकती है।

सरकार का यह फैसला आयकर दरों को कम करने के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है, जिससे लोगों की आय में बढ़ोती हो सकती है और वे अधिक खर्च कर सकेंगे। इससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा

हालांकि, यह ध्यान रखना है कि यह फैसला अभी तक अंतिम नहीं हुआ है और फरवरी के बजट में इसकी घोषणा की नहीं गई हे। लेकिन अगर यह फैसला लागू होता है, तो यह मध्यवर्ग के लिए एक बड़ी अच्छी हो सकती है।

BUDGET 2025: टैक्स का मामला|

भारत की अर्थव्यवस्था लगभग दो साल में सबसे धीमी गति से बढ़ी है, जुलाई-सितंबर में केवल 5.4 प्रतिशत की बधाई हुई है। इसका मुख्य कारण उच्च खाद्य करेंसी फी है, जिसने घरेलू बजट पर दबाव पद रहा है और डिस्पोजेबल आय में कमी आई है। इससे लोगों के पास खर्च करने के लिए कम पैसे बचते हैं, जिससे कारों, उपकरणों और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों जैसे सामानों की बिक्री पर कम प्रभाव पड़ता है।

केंद्रीय बजट के आने से पहले की चिंताए|

केंद्रीय बजट 2025 से पहले लोगो की कई चिंताएँ हैं। इनमें से कुछ निचे दिए गई प्रमुख चिंताएँ हैं:

-टैक्स दरों में कटौती: मध्यम वर्ग के लोगों को उम्मीद है कि सरकार   आयकर दरों में कटौती करनी चाहिए, जिससे उनके पास अधिक पैसे   बचेंगे और वो अधिक खर्च कर पाएंगे।

– आर्थिक विकास: हितधारकों को उम्मीद है कि सरकार ऐसे कदम उठाएगी जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और बेरोजगारी काम होगी।

– करेंसी फी: उच्च फी की बड़ी चुनौती है, और हितधारकों को उम्मीद है कि सरकार इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी।

– स्वास्थ्य और शिक्षा:लोगो को उम्मीद है कि सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अधिक निवेश और योगदान करेगी,जिससे इन क्षेत्रों में सुधार होगा।

– रोजगार: लोगो को उम्मीद है कि सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिलने में आसानी होगी।

इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार को ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे लोगो की उम्मीदों पैर पानी न फिर।

उद्योग निकाय जैसे सीआईआई, फिक्की और पीएचडीसीसीआई ने सरकार को कर सुधारों के लिए कई सुझाव दिए हैं। इनमें पूंजीगत

लाभ कर व्यवस्था को सरल बनाना, टीडीएस प्रावधानों को कम करना और विवाद समाधान तंत्र शुरू करना शामिल किया है। इसके अलावा, सीआईआई ने वस्तु एवं सेवा कर के लिए “जीएसटी 2.0” का प्रस्ताव स्पष्ट किया है, जिसमें तीन-दर संरचना और विस्तारित इनपुट टैक्स क्रेडिट कवरेज शामिल है।

कांग्रेस कार्य ने भी सरकार से गरीबों को आय सहायता और मध्यम वर्ग को कर राहत प्रदान करने का आग्रह किया है। सीडब्ल्यूसी ने जीएसटी 2.0 की मांग को वापस दोहराया है, जो एक सरल और अच्छा कार्य होगा। इन सुझावों का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और मध्यम वर्ग को पीस प्रदान करना है।

BUDGET 2025 : निर्मला सीथारामन कर रही हे सुधर|

बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिनमें 10 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए कर स्लैब में ढील, वेतनभोगी व्यक्तियों और पेंशनभोगियों के लिए मानक कटौती में बढ़ोती और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए नियोक्ता एनपीएस योगदान कटौती में बढ़ोती शामिल की है। इन सुधारों से मध्यम वर्ग को कुछ हद तक सहायता मिलेगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि खपत में ठहराव को दूर करने के लिए और उपाय खोजने की आवश्यक हैं।

कर दरों में कटौती से करदाताओं को नई, सरल कर व्यवस्था को चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, जिससे अनुपालन जटिलता कम होगी। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार,कर दरों को कम करने से अधिक लोग नई प्रणाली को चुनेंगे प्रयतसाहित और जटिल होंगे।

हालांकि, सीतारमण का कार्य राजकोषीय विवेक और आर्थिक पुनरुद्धार के बीच संतुलन बनाना है। कर कटौती से खपत में सुधार हो सकता है और मध्यम वर्ग का खर्च करने का आत्मविश्वास कम हो सकता है, लेकिन इससे में कमी भी अर्चन हो सकती है, जिससे सरकार की राजकोषीय गणनाएँ बिगड़ हो सकती हैं।

उद्देश्य

भारत के 2025 के बजट में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने की उम्मीद है, जो देश की अर्थव्यवस्था और नागरिकों के जीवन पर अच्छा प्रभाव डालेंगे।

  • टैक्स में सुधार : करदाताओं को धारा 80TTA और 80TTB के लिए कर कटौती सीमा में बढती देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड गोल्ड ETF पर 12 महीने तक रखने के बाद 12.5% की दर से टैक्स लगेगा, जबकि गोल्ड फंड 24 महीने तक रखने के बाद लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए पात्र बनेगा।
  • कस्टम ड्यूटी: कई वस्तुओं के लिए सीमा शुल्क दरें बदल जाएंगी, जिनमें सोना, चांदी, मोबाइल फोन और उनके चार्जर/एडेप्टर के लिए कटौती शामिल है।
  • फाइनेंस क्षेत्र में सुधार: सरकार वित्तीय क्षेत्र के लिए एक रणनीति दस्तावेज़ जारी करेगी और एक परिवर्तनीय पूंजी कंपनी संरचना के लिए विधायी अनुमोदन की मांग करेगी।
  • विदेशी इन्वेस्टमेंट में सुधार: विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) और विदेशी निवेश के लिए नियम और विनियम आसान किए जाएंगे।
  • बुनियादी ढांचे में बढती : सरकार बुनियादी ढांचे के लिए अपने बजटीय आवंटन में वृद्धि जारी रखेगी।
  • कौशल विकास: सरकार 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए एक नई केंद्र प्रायोजित योजना शुरू करेगी।
  • पर्यटन में विकास: सरकार विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर का विकास करेगी और राजगीर के लिए एक व्यापक विकास पहल शुरू करेगी।

इन बदलावों से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों के जीवन में सुधार और आराम आएगा।

Leave a Comment